Sunday, November 22, 2009

हिन्दी राइटर्स गिल्ड का अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव


अक्तूबर ०३, २००९ - मिसिसागा, हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने आज पोर्ट क्रेडिट सकेंडरी स्कूल के सभागार में अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव का आयोजन किया। इस अवसर पर चित्रकला, हस्तकला और पुस्तक प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया गया था। चित्रकला प्रदर्शनी में चित्रों का चयन और उनका संकलन हिन्दी राइटर्स गिल्ड की सदस्या और क्रॉस करंट्स इंडो कैनेडियन इंटरनेशनल आर्ट्स की निदेशिका मीना चोपड़ा ने किया। इस चित्रकला प्रदर्शनी में कैनेडा,

भारत और बंग्लादेश के कलाकारों की चित्रकला को प्रदर्शित किया गया। हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन रेनबो कोम्युनिटी सर्विसिज़ ने किया था।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने इस अवसर पर यू.एस.ए. के विश्वप्रसिद्ध कवि और हिन्दी कर्मी राकेश खण्डेलवाल, अनूप भार्गव और रजनी भार्गव को आमन्त्रित किया था। स्थानीय अतिथियों में डॉ. रूबी ढाल्ला (एम.पी), माननीय नवदीप बैंस (एम.पी) और डॉ. कुलदीप कुलार(एम.एल.ए) भी उपस्थित थे।

डॉ. रूबी ढाल्ला ने अपने संबोधन में हिन्दी राइटर्स गिल्ड को बधाई दी। उन्होंने उस दिन टोरोंटो स्टार के मुख पृष्ठ पर प्रकाशित समाचार की ओर ध्यान दिलाते स्थानीय लेखकों को चुनौती दी कि वह अपने लेखन द्वारा समाज में जागृति पैदा करें कि विदेश में रहते हुए भी जन्म से पहले ही माता पिता केवल बेटों की कामना न करें। माननीय नवदीप बैंस ने अपनी टिप्पणी में बताया कि उनके नाना जी का जन्म पाकिस्तान में हुआ, उनके पिता का राजस्थान में और वह कैनेडा में रहते हुए तीन भाषाओं से परिचित हैं। बहुभाषी होने की महत्ता को उन्होंने रेखांकित किया। डॉ. कुलदीप कुलार ने हैरानी प्रकट की कि अभी तक वह हिन्दी की गतिविधियों से परिचित नहीं हुए। शायद इसका कारण यह भी हो सकता है कि अभी तक के विभिन्न हिन्दी की संस्थाओं ने स्थानीय राजनितिज्ञों को आमन्त्रित ही नहीं किया।





कार्यक्रम का आरम्भ करते हुए डॉ. शैलजा सक्सेना ने उपस्थित श्रोताओं का स्वागत किया और मानोशी चटर्जी को सरस्वती वंदना के लिए आमन्त्रित किया। मानोशी के मधुर गायन के बाद विजय विक्रान्त ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड का परिचय दिया। आमन्त्रित कवियों का सम्मान उन्हें शाल ओढ़ाकर किया गया।
अगले चरण में हिन्दी राइटर्स गिल्ड द्वारा प्रकाशित पहली पुस्तक “निर्मल भाव“ का लोकार्पण किया गया। इस काव्य संकलन के लेखक हैं निर्मल सिद्धू। विमोचन करने के बाद सुमन कुमार घई ने पुस्तक के बारे में संक्षिप्त चर्चा की और निर्मल सिद्धू की कविताओं में आध्यात्मिक झुकाव, सामाजिक जागरुकता की ओर ध्यान दिलाया और निर्मल जी को एक कविता पढ़ने के लिए आमंत्रित किया। दूसरा लोकार्पण भी सुमन कुमार घई ने ही किया। बाल कविताओं की पुस्तक “आओ बच्चो हम तुम गाएँ“ की लेखिका भुवनेश्वरी पाण्डे हैं। अपने ढंग की बच्चों को रोचक ढंग से हिन्दी सिखाने वाली चित्रों के साथ रंगीन पुस्तक शायद उत्तरी अमेरिका में पहली होगी। इस कार्यक्रम के साथ ही पहले सत्र का पहला चरण पूरा हुआ।
दूसरे चरण में शास्त्रीय संगीत का आयोजन था। प्रसिद्ध सितारवादक वक्कालंक्का जी ने राग भीम पलासी से शुरू किया और फिर तबले की द्रुत तीन ताल से होते हुए एक झाले की प्रस्तुति के बाद सितारवादन का अंत हुआ। चारू और मानोशी चटर्जी ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति की। अब शाम के पाँच बज चुके थे और खाने के लिए एक घंटे का अंतराल हुआ। स्वादिष्ट भोजन का आयोजन भी हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने ही किया था।
अगला सत्र कवि सम्मेलन, शाम के छह बजे शुरू हुआ और रात के ९:३० बजे तक चला। राकेश खण्डेलवाल के गीतों ने श्रोताओं का मन मोह लिया। अनूप भार्गव की प्रभावशाली छोटी छोटी कविताएँ भी बहुत सराही गईं। रजनी भागर्व की कविताओं का स्वागत करतल ध्वनि से हुआ। स्थानीय कवियों में थे भगवतशरण श्रीवास्तव, मीना चोपड़ा, सरन घई, आचार्य संदीप कुमार त्यागी, निर्मल सिद्धू, प्रीति धामने, विजय विक्रान्त, लता पाण्डे, डॉ. शैलजा सक्सेना, मानोशी चटर्जी, दीप्ति अचला कुमार, आशा बर्मन, सुमन कुमार घई, राकेश तिवारी , सुरेन्द्र पाठक, जसबीर कालरवि, सरोजिनी जौहर, कृष्णा वर्मा, भुवनेश्वरी पाण्डे, गोपाल बघेल, राज महेश्वरी, पाराशर गौड और इन्दु शर्मा। इस कार्यक्रम में २०० से अधिक श्रोता उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम के आयोजन बहुत से स्वयं सेवकों बढ़-चढ़कर भाग लिया। हिन्दी राइटर्स गिल्ड उन सबकी आभारी है। मीडिया में हिन्दी टाइम्स, अपना रेडियो बॉलीवुड बीट्स, स्टार बज़्ज़, सुपीरियर स्टार पत्रिका ने सहयोग दिया। मिसीसागा न्यूज, टी.वी. एशिया. ओमनी २ और एटीएन ने इसे कवरेज दी। आर्थिक रूप से बहुत से स्थानीय लोगों ने सहायता की। और मुख्य प्रायोजक बैल कैनेडा था। अंत में हिन्दी राइटर्स गिल्ड की ओर से सभी को धन्यवाद।

Thursday, September 10, 2009

Program Ad English


आमंत्रण


अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव निमंत्रण ३ अक्टूबर


हिन्दी राइटर्स गिल्ड
(रजिस्टर्ड चैरिटेबल ऑर्गेनाईज़ेशन)

गिल्ड का संक्षिप्त परिचय
गिल्ड की स्थापना जून,२००८ में हुई थी। यह अपने प्रकार की पहली बहु आयामी संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य हिन्दी लेखकों के लेखन की क्षमता और योग्यता को सेमिनार, कार्यशालाओं तथा भाषणों द्वारा बढा कर, हिन्दी साहित्य के लिये एक व्यापक सामाजिक समझ पैदा करना है।
इस संस्था में लेखकों को अपने समाज के विषय में, उनके वर्तमान जीवन और उनसे जुड़ी समस्याओं पर लिखने को प्रोत्साहित किया जाता है और उन समस्याओं और उनके समाधानों पर, लेखकों के अनुभवों पर गिल्ड की बैठकों में चर्चा की जाती है।
गिल्ड द्वारा अन्य लाभ-निर्पेक्ष और शैक्षिक संस्थाओं के साथ का सहयोग हिन्दी लेखकों, हिन्दी पुस्तकों और हिन्दी साहित्य के लिये एक बेहतर समझ पैदा करता है।
हिन्दी लेखन को कंप्यूटर पर लाना तथा कनाडा में ही हिन्दी पुस्तकों के प्रकाशन की व्यवस्था करवाना गिल्ड के मुख्य उद्देश्य हैं।


अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव
हिन्दी राइटर्स गिल्ड शनिवार, 3 अक्टूबर,2009 को अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव आयोजित कर रहा है।
यह कार्यक्रम पोर्ट क्रेडिट सैकेन्डरी स्कूल, 70 मिनिओला स्ट्रीट ईस्ट, मिसीसागा (मिनिओला के साउथ ईस्ट कॉर्नर और ह्यूरोन्टारियो स्ट्रीट) में आयोजित किया जा रहा है। इसका फोन नं है: 905-278-3382
यह महोत्सव हिन्दी साहित्य महोत्सव है और इस दिन के मुख्य कार्यक्रम इस प्रकार हैं:

1. कला चित्रों की प्रदर्शनी: स्थानीय चित्रकारों और मूर्तिकारों के चित्रों तथा मूर्तियों की प्रदर्शनी स्कूल के हाल में होगी। इस प्रदर्शनी से इन कलाकारों को वह प्रोत्साहन मिलेगा जो पहले नहीं मिला था।
2. पुस्तक प्रदर्शनी: हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी आयोजित की जायेगी। इस प्रदर्शनी से समाज के साहित्यक वैभव का भी पता लगेगा साथ ही पाठकों को स्थानीय लेखन से परिचित होने का अवसर मिलेगा। कुछ पुस्तकों को खरीदा भी जा सकेगा।
3. पुस्तक विमोचन: हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सदस्यों द्वारा लिखी पुस्तकों का विमोचन किया जायेगा।
4. संगीत-कार्यक्रम: स्थानीय संगीतकारों द्रारा कार्यक्रम की प्रस्तुति की जायेगी।
5. कवि-सम्मेलन: स्थानीय तथा अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी लेखकों एवं निमंत्रित अन्य भारतीय भाषाओं के कवियों द्वारा कविता पाठ मुख्य सभागार में होगा।
6. मीडिया-कवरेज: मुख्य टेलिविजन केंद्रों, रेडियो स्टेशन तथा समाचार पत्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम को कवर करेंगे।
7. भोजन व्यवस्था: स्वादिष्ट भारतीय भोजन की भी व्यवस्था है
8. स्मारिका: इस अवसर पर एक स्मारिका प्रकाशित की जायेगी जिसमें हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सदस्यों तथा अतिथि कवियों की रचनाओं तथा सरकारी पदाधिकारियों के संदेश प्रकाशित किये जायेंगे।
अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें: hindiwg@gmail.com

Invitation for Oct. 3rd International Hindi Festival


Hindi Writers Guild
(A Registered Charitable Organization)


A Brief Introduction
Formed in June 2008, Hindi Writers Guild is a first of its kind multi-faceted organization in Canada. Its prime objective is to educate and increase public understanding of Hindi literature by developing the writing skills of South Asian languages writers; through seminars, lectures and conferences.
Writers are encouraged to write about the society they live in, discuss the problems they encounter, suggest suitable solutions and share their experiences and ideas in Hindi Writers Guild’s meetings.
Collaboration and liaison with other charitable and educational sister organizations leads to better understanding and appreciation of Hindi books, Hindi writers and Hindi literature.
Computer literacy and promotion of book publication in Canada are the main intent of Hindi Writers Guild.


International Hindi Festival
Hindi Writers Guild is hosting an International Hindi Festival on Saturday October 3, 2009.
This event will be held in Port Credit Secondary School, 70 Mineola Street East, Mississauga (SE Corner of Mineola and Hurontario Streets). Phone Number is 905 278 3382.
This event will be organized as a Hindi Literary Festival. Highlights of this festival are as follows:-
1. Exhibition of Arts and Paintings: Selected paintings and objects of art by local artists and sculptors will be on display in the main foyer. These exhibits will not only recognize the local artists but also emphasize and appreciate the talent not exposed before.
2. Book Exhibition: Literary books published in Hindi and other Indian languages will also be on display in the main foyer. These publications will accentuate the treasure of knowledge within the community. Some of the books will be available for sale.
3. Book Launching: Books by Hindi Writers Guild’s members will be launched.
4. Musical Presentation: Local artists will entertain the guests with their melodious instrumental and vocal presentations.
5. Kavi Sammelan (Poetry Recitation): Poetry Recitation by local and international Hindi writers and special invitees from other languages will be held in the main auditorium.
6. Coverage by Media: Representatives from television stations, radio stations and newspapers will be present to cover the activities of this event.
7. Food : Delicious and sumptuous Indian meals will be served.
8. Memorabilia (Samarika): A memorabilia in the form of a souvenir will be distributed. This publication will include but not limited to the greetings received from dignitaries, poems or articles by Hindi Writers Guild’s members and advertisements by the sponsors.
For more information, please contact: hindiwg@gmail.com

VISION STATEMENT

GUIDANCE IN THE ART OF HINDI WRITING AND HINDI LITERATURE


FACILITATION OF COMPUTER LITERACY IN HINDI WRITING


FACILITATION OF EDITING AND PUBLICATION OF HINDI BOOKS


TRANSLATION AND PUBLICATION OF NON - HINDI LITERATURE IN HINDI


ARANGING LECTURES BY EMINENT LAUREATES ON HINDI LITERATURE, BUSINESS, ENVIRONMENT AND PHILOSOPHY


H OLDING BOOK EXHIBITIONS, PUBLIC SEMINARS AND CONFERENCES TO PROMOTE HINDI LANGUAGE AND LITERATURE


PROVIDE TRANSLATION SERVICES FOR HOSPITALS AND OTHER INSTITUTIONS FOR INDIVIDUALS WHOSE MOTHER TONGUE IS NOT ENGLISH


LAISION AND COLLABORATION WITH CHARITABLE ORGANIZATIONS, NON-PROFIT COMMUNITY, GOVERNMENT AGENCIES, EDUCATIONAL INSTITUTIONS IN THE DEVELOPMENT OF PROGRAMS RELATING TO HINDI LANGUAGE AND HINDI LITERATURE


HELPING IMMIGRANTS ASSIMILATE INTO CANADIAN SOCIETY BY DEVELOPING HINDI INDO-CANADIAN LITERATURE IN CANADIAN PERSPECTIVE


MAINTAINING HINDI WEB-SITE FOR E-MAGAZINE AND E-LIBRARY FOR MEMBERS

MISSION STATEMENT

TO EDUCATE AND INCREASE THE PUBLIC’S UNDERSTANDING AND APPRECIATION OF HINDI LANGUAGE AND LITERATURE IN CANADA AND NORTH AMERICA; FACILITATE PUBLICATION AND PROMOTION OF BOOKS BY EXPATRIATE HINDI WRITERS.

Thursday, August 20, 2009

हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने १५ अगस्त मनाया....


हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने १५ अगस्त के अवसर पर राबर्ट फ्लैचर स्पोर्ट्सप्लैक्स में कवि सम्मेलन का आयोजन किया और देशप्रेम की कविताओं के माध्यम से भारत का ६२वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया। यह कार्यक्रम १.३० बजे सरस्वती वंदना के साथ प्रारंभ हुआ। यह कार्यक्रम श्रीमती भुवनेश्वरी पाँडेय ने आयोजित किया था। कार्यक्रम का संचालन टोरांटो की प्रसिद्ध कवियत्री श्रीमती आशा बर्मन ने किया

देशप्रेम की कविताओं और गीतों का यह कार्यक्रम ४ बजे तक चला जिसमें गिल्ड के सदस्य कवियों और गैर-सदस्य कवियों ने अपनी रचनायें पढीं। इस कार्यक्रम में हिन्दी और पंजाबी भाषाओं की कविताएँ पढ़ीं गईं जिसके द्वारा गिल्ड का एक उद्देश्य "अन्य भारतीय भाषाओं की हिन्दी के साथ सहकारिता" सार्थक हुआ।



कार्यक्रम का प्रारंभ पंजाबी के कवि और पंजाबी पत्रिका "संवाद" के सम्पादक, श्री सुखेन्दर जी की कविता से हुआ। उन्होंने अपनी कविता " सुनदे हाँ कविता बहुत अग्गे लँघ गई है" में कविता को पुन: धरती से, धरती के सुख-दुख से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। इस के बाद श्रीमती इंदु शर्मा ने " बस एक क्षण" कविता में भारत की याद करते हुए कहा कि ग्लोब में भारत और कनाडा के बीच ११ इंच की दूरी है और वास्तविकता में भारत हज़ारों मील दूर है। कविता में बचपन के साथ-साथ चाट, दोसे, छोलों की भी याद की गई थी और सच ही है कि अपने देश और अपने लोगों को याद करते हुए अपनी प्रिय दुकानों के खानों को भी याद किया ही जाता है। अगले कवि श्री शरण श्रीवास्तव ने अपने गीत " "उन्मुक्त" से सबका मन बाँध लिया। उनकी इस शुभकामना में सभी सम्मिलित थे..
"उन्मुक्त हो पवन बहे,संयुक्त हो वतन रहे
स्वदेशवासियों मेरे, निर्भीक हो भवन रहें"

इसके बाद के कवि श्री पाराशर गौड ने कविता के मूड को बदलते हुए हास्य-व्यंग्य की कविता सुनाई। श्रीमती प्रमिला भार्गव ने अपनी कविता "मेरा भारत, मेरा सपना" में भारत के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति के सुधरने के सपने का वर्णन किया। इसके बाद कवि श्री राज माहेश्वरी ने अपने गीत " मेरी आशाओं का भारत" के : "मेरा भारत वह भारत हो, जहाँ सत्यमेव जयते सच हो" से सबको मोह लिया। श्री शरण घई ने "सुमधुर भारत वर्ष हमारा" में भारत की उदारता का वर्णन किया जिसने अनेक संस्कृतियों और धर्मों को अपने में समा लिया है। श्री सुरेन्द्र पाठक ने पुन: वातावरण को बदलते हुए हास्य-व्यंग्य की कविता "लाटरी" सुनाई जिसमें पत्नी की लाटरी-प्रेम और लाटरी से धनी हो जाने की आशा पर व्यंग्य था। श्रीमती सरोजनी जौहर ने अपनी कविता में शहीदों को भावभीनी श्रद्धाजँलि देते हुए कहा " माटी से खुशबू आती है, अब भी उनके बलिदानों की"। अगले कवि श्री सुमन घई थे जो "हिन्दी टाइम्स"(समाचार पत्र) और वेब पत्रिका "साहित्यकुंज" के संपादक हैं, वे अपनी कविता में कल्पना का एक ऐसा संसार देखते हैं जहाँ सौंदर्य, समानता, स्वास्थ्य और प्रदूषण रहित वातावरण हो। उनकी कल्पना ने सभी श्रोताओं को थोड़ी देर के लिये मंगलकामना के मधुर वातावरण पहुँचा दिया। श्री राकेश तिवारी जो "हिन्दी टाइम्स" के प्रकाशक और "दोस्ती" रेडियो कार्यक्रम के प्रस्तुत कर्ता है, उन्होंने भारत और भारत से जुडी बचपन और जवानी की यादों को छोड आने और विदेश की भूमि से जुड़ते जाने की स्थिति पर मार्मिक कविता पढ़ी " दूर बहुत दूर देश अपना है, आँसूभरी आँखों से सिर्फ देख पाऊँ जिसे,ऐसा एक सपना है"। पंजाबी के वयोवृद्ध कवि श्री एस.एस. सूरी जी ने पंजाब पर लिखी कविता " मेरा पिंड पंजाब है" बहुत भावमग्न होकर गाई और सभी को भावमुग्ध कर दिया। इसके बाद डॉ. शैलजा सक्सेना ने भारत की वास्तिवक स्थिति और भारत के सुंदर स्वप्न की दूरी पर अपनी कविता "फर्क" पढ़ी जिसमें इस दूरी पर विवशता दिखाते हुए कहा: "ऐसे में बेबसी तीव्र हो-हो कर कितना सताती है, ये मेरे जैसे वे सभी जानते हैं, जो लिखने और करने के बीच का फर्क पहचानते हैं"। श्रीमती कृष्णा वर्मा ने भारत की यथास्थिति पर बहुत उद्वेलक कविता सुनाई। श्रीमती भुवनेश्वरी ने मनुष्य के अहंकार पर चोट करते हुए अपनी कविता "तुम क्या हो?" पढ़ी। मनुष्य को ब्रह्माण्ड के चक्र का एक बहुत छोटा सा हिस्सा बताते हुए उन्होंने मनुष्य के अपने कुछ होने के अहसास को चुनौती दी। गिल्ड के नये सदस्य श्री गोपाल जी बघेल ने अपने प्रेरणा पूर्ण गीत "भारत भुवन को उर रखो, सुरसरी बन भव को तरो" के मधुर गान से सब को मुग्ध कर लिया। श्रीमती दिव्या भारद्वाज ने अपनी माता जी के द्वारा लिखी कविता " शक्तिमती बाला, शक्तिमान समाज" में नारी के योगदान को याद किया और नारी शक्ति को प्रोत्साहित किया। इस के बाद मंच का कुशल संचालन कर रहीं श्रीमती आशा बर्मन ने अपनी कविता में प्रवासी भारतीयों को भारत छोड आने के "गिल्ट" या पश्चाताप में न जीने की सलाह देते हुए उन्हें उनके सौभाग्य की याद दिलाई कि उन्हें दो संस्कृतियों, दो समाजों में जीने और उनका लाभ उठाने का अवसर मिला है। कविता में प्रवासीपन को नई दृष्टि से देखा गया था। आशा जी ने कवि सुमित्रानंदन पंत की " भारतमाता ग्रामवासिनी" की कुछ पंक्तियाँ सुनाईं और कवि "नीरज" की सीमा पर लड़ने वाले सैनिकों को संबोधित कर के लिखी गई मार्मिक कविता सुनाई। अनुपस्थित कवि श्री निर्मल सिद्धू की कविता "हम जीतेंगे" श्रीमती इंदु शर्मा ने पढ़ कर सुनाई जिसमें वर्तमान की अनेकों कठिनाइयों के बाद भी विजयी होने का प्रेरणाकारी विश्वास था।

कार्यक्रम में प्रस्तुत सभी कविताओं की उपस्थित श्रोताओं ने भरपूर सराहना की। इस अवसर पर "वापसी" उपन्यास की लेखिका रेनू सिंधू भी उपस्थित थीं, गिल्ड ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ.शैलजा सक्सेना ने नये श्रोताओं को गिल्ड के विषय में संक्षेप में बताया और हिन्दी की अन्य संस्थाओं के कार्यों को भी सराहा। गिल्ड में कविता के अतिरिक्त कहानी, नाटक, लेख और निबंध आदि विधाओं में भी लेखन के लिये प्रोत्साहन दिया जाता है और कवियों की रचनायें ब्लाग "hindiwg.blogspot.com" पर लगाई जाती हैं। ३ अक्टूबर,२००९ में होने वाले बडे कार्यक्रम की संक्षिप्त सूचना भी दी गई जो सांयकाल ३ बजे से पोर्टक्रेडिट स्कूल में होगा। इस में संगीत का कार्यक्रम होगा और साथ ही अमरीका से आये कवियों के साथ ही अन्य भारतीय भाषाओं के कवियों और सदस्य कवियों की कविताओं को सुना जा सकेगा। कार्यक्रम का अंत राष्ट्रीय गान और स्वादिष्ट जलपान से हुआ।

Monday, August 17, 2009

जून १४, २००९ का नाटक वाचन और गोष्ठी सुनिए


ओकविल जून १४, २००९ - पिछले वर्ष अगस्त में हिन्दी राइटर्स गिल्ड की स्थापना होने से लेकर आज तक निरन्तर इस संस्था की गतिविधियाँ गति पकड़ती जा रही हैं। कवि गोष्ठियाँ, साहित्यिक कार्यशालाएँ, नई विधाओं और प्रयोगवादी साहित्य को मंच प्रदान करना, अंतरजाल का भरपूर प्रयोग करना, कवि गोष्ठियों की एमपी३ फाईल को अंतरजाल पर लगाना ताकि दुनिया भर के लोग इसका आनन्द उठा सकें इत्यादि कदम हैं जो अभी तक कैनेडा की कोई साहित्यिक संस्था नहीं उठाए। पिछले माह इन्दु शर्मा ने इसी श्रृंखला में एक और कड़ी जोड़ी। उन्होंने अपने निवास पर एक कवि गोष्ठी का आयोजन २४ मई को किया। उस दिन उन्होंने स्वयं इसकी सदस्यता भी ग्रहण की।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड का अगला कार्यक्रम १४ जून को ओकविल के पुस्तकालय में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के आरम्भ में भारत के तीन प्रसिद्ध कवियों, ओम प्रकाश आदित्य, नीरज पुरी और लाड़ सिंह गुज्जर की स्मृति में मौन रखा गया। इन तीन कवियों की सड़क दुर्घटना दो सप्ताह पहले मृत्यु हो गई थी।
इसके पश्चात बार नाटक वाचन (रेडियो नाटक) का प्रस्तुत किया गया। इस लघु नाटिका को डॉ. शैलजा सक्सेना ने लिखा था। इसे स्वर दिया स्वयं डॉ. शैलजा सक्सेना ने और आशा बर्मन ने। संगीत दिया उमंग सक्सेना और आशा बर्मन ने । आशा जी ने मैथिलीशरण गुप्त जी की एक कविता को भी स्वरबद्ध किया और गाया भी। उपस्थित सभी कवियों व कवयित्रियों ने अपनी रचनाएँ सुनाईं। इस दिन की गोष्ठी के प्रायोजक (स्पांसर) लता पांडे और नवीन पांडे थे। इस काव्य संध्या में भाग लेने वाले कवियों व कवयित्रियों के नाम इस प्रकार हैं – भगवत शरण श्रीवास्तव, दीप्ति अचला कुमार, पाराशर गौड़, संदीप त्यागी, निर्मल सिद्धू, आशा बर्मन, सरन घई, लाता पांडे, विजय विक्रान्त, इन्दु शर्मा, शैलजा सक्सेना, सुमन कुमार घई और भुवनेश्वरी पांडे। इस कार्यक्रम को नीचे दिए गए एमपी३ प्लेयर से सुन सकते हैं।

Sunday, June 14, 2009

१४ जून काव्य गोष्ठी और नाटक वाचन/कार्यशाला

प्रिय मित्रों,

आशा है कि आपने मेरा पिछला पत्र पाकर अपने कैलेंडर में १४ जून की दोपहर पर गिल्ड का नाम लिख दिया होगा। यह कार्यक्रम दोपहर १ बजे से ५ बजे तक होगा। इसका स्थान ओकविल लायब्रेरी है, पता है:
1415 Third Line
Oakville, ON-L6M 3G2
यहाँ पहुँचने के लिये आप थर्ड लाइन नार्थ का एक्ज़िट लीजिये और उस पर ही यह लायब्रेरी और रिक्ररियेशन सेंटर आपको दिखाई देगा..सीधे हाथ की ओर। कार्यक्रम "प्रोग्राम रूम" में होगा।

इस लायब्रेरी में पहले भी कार्यक्रम हुआ था, यहाँ पार्किंग नि:शुल्क है। कार्यक्रम समय पर समाप्त करना पडेगा अत: ठीक समय पर इसे शुरू भी करना ही पडॆगा अत: सब से अनुरोध है कि आप १ बजे तक पहुँच जायें। कार्यक्रम का एजेंडा पिछ्ले पत्र में था।
कवि सम्मेलन में आपकी रचनायें सुनने और निकट भविष्य में आने वाले कार्यक्रम के लिये आपके विचार सुनने का इंतज़ार रहेगा।
अपने आने की सूचना शीघ्र दें।
लता जी को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिये पुन:धन्यवाद!!

शैलजा

श्रीमती साध्वी बाजपेयी - आशा बर्मन


श्रीमती साध्वी बाजपेयी एक प्रतिभाशाली तथा समर्थ महिला हैं, जिनका सम्मान श्रीमती ऊषा अग्रवाल ने ९ मई, २००९ को अपने भव्य निवासस्थान पर किया। ८३ वर्षीअय साध्वी जी ने नाटक तथा अन्य संगीत अनुष्ठानों के द्वारा कनाडा की विभिन्न दातव्य संस्थाओं (charitable organizations) को लगभ १००,००० डॉलर दानस्वरूप दिया। इनसे प्रभावित होकर कनाडा के गवर्नर जनरल ने इन्हें ‘Caring Canadian Award’ प्रदान किया।
साध्वी जी टोरोंटो तथा इसके निकटवर्ती क्षेत्रों में हिन्दी के सुन्दर नाटकों के निर्देशन तथा मंचन के लिए प्रसिद्ध हैं। एक बार जो इनका नाटक देख लेता है, अगले नाटक की प्रतीक्षा करने लगता है। यहाँ के यंत्रचालित जीवन से उबरने के लिये हम प्रवास भारतीय सदैव स्वस्थ मनोरंजन के उत्तम साधनों की खोज में रहते हैं।
ऐसे तो कई प्रवासी भारतीय सांस्कृतिक कार्यों द्वारा भारतीय भाषा, संगीत, नृत्य, नाटक के प्रसार में संलग्न हैं पर साध्वी जी उन विरल लोगों में से हैं, जिनके प्रयासों से कनाडा का सम्पूर्ण जनसमाज प्रभावित तथा लाभान्वित हुआ है। इन्होंने १९९० में ओन्टेरियो के किचनर-वाटरलू के क्षेत्र में ’तरंग’ नामक एक संस्था का संगठन किया। इसी संस्था ने हिन्दी के नाटक तथा संगीत कार्यक्रमों का आयोजन कर, विपुल धनराशि अर्जित कर जिन दातव्य संस्थाओं को दिये उनके नाम हैं – हार्ट एंड स्ट्रोक फ़ाउन्डेशन, कैनेडियन कैंसर सोसाईटी, आर्थराईटिस सोसाईटी, होम्स फ़ॉर अब्यूज़्ड विमेन एंड चिल्ड्रन इत्यादि। यह संस्था अभी भी सक्रिय है।
१९९० से अब तक ’तरंग’ ने “ढोंग”, “हंगामा”, अण्डरसेक्रेटरी, पैसा-पैसा-पैसा, श्री भोलानाथ, ताजमहल का टेन्डर तथा अपने-अपने दाँव जैसे रोचक सामाजिक नाटकों का सफल प्रदर्शन कर जनता का मन जीत लिया। इनके नाटकों में कार्य करने वाले कलाकारों के नाम हैं – श्रीमती ऋता खान तथा श्री अरशद खान (साध्वी जी की पुत्री व जंवाई), श्री शशी जोगलेकर तथा श्रीमती अन्विता जोगलेकर, श्रीमती रेणु भण्डारी, श्री पामे विरधि, श्री हौरेस कोहेलो तथा श्रीमती रीटा कोहेलो, किशोर व्यास, प्रकाश खरे, शांता और लक्ष्मण रागडे, कुसुम और विनोद भारद्वाज और जैस्सिका मिरांडा। मंच-सहायक के रूप में श्री कुरेश बन्टूक, श्री किशोर व्यास, श्रीमती अनिला ओझा, श्री प्रकाश खरे, श्रीमती उल्का खरे, प्रीत आहूजा, शान्ति तथा लक्ष्मण रेगड़े ने कार्य किया।
इसके अलावा साध्वी जी ने Club 600 नामक एक सीनियर क्लब में तीन वर्षों तक अध्यक्षा का पद सम्हाला। ओन्टेरिय से पूर्व साध्वी जी न्यू-ब्रान्ज़विक में कुछेक वर्ष रहीं, जहाँ 1982 में इन्हें Woman of the year का सम्मान मिला। भारतवर्ष में की वर्ष ये Girl Guide जुड़ी रहीं।
एक कलाकार का सही परिचय उसकी कला है। साध्वी जी के नाटकों से जितना मैंने जाना व समझा है अमीं सदैव ही उनसे प्रभावित रही हूँ। ऐसा लगता है, मानों उनकी शिराओं में कला व सृजनशीलता रक्त की भाँति प्रवाहित होती रहती है। उन्होंने अपने जीवन से यह सिद्ध कर दिया है कि एक सच्चे कलाकार को आयु, स्वास्थ्य, समय व देश की सीमा से बाँधा नहीं जा सकता। “अपने अपने दाँव” के प्रदर्शन के समय साध्वी जी अपने अभिनेता-अभिनेत्रियों के उत्साह को बढ़ाने के लिये अस्वस्थ होते हुए भी व्हीलचेयर पर ऑक्सीजन के यंत्र के साथ उपस्थित रहीं। उनके व्यक्तित्व का सबसे प्रभावशाली रूप मुझे लगता है कि सदैव उनके मुख पर सहज मधुर मुस्कान विद्यमान रहती है।
साध्वी जी को देखकर मुझे हिन्दी के वरिष्ठ कवि श्री जयशंकर प्रसाद जी की ये पंक्तियाँ सहज ही स्मरण हो आती हैं –
नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पगतल में।
पीयूष-स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुन्दर समतल में॥

सत्य ही है, कनाडा की सुन्दर समतल भूमि में साध्वी जी की कला अमृतधारा की भाँति वर्षों से प्रवाहित होती रही है। हम दर्शक उसी रस से सराबोर होकर सदैव आनन्दित होते रहे हैं।

Saturday, June 13, 2009

कवि गोष्ठी मई 24, 2009 - आईये सुनें

मई २४, २००९ को मिसीसागा में इन्दु शर्मा ने अपने निवास पर एक काव्य संध्या का आयोजन किया। आयोजन से पहले हिन्दी राइटर्स गिल्ड के भावी कार्यक्रमों की चर्चा हुई। इस दिन इन्दु शर्मा और लता पाण्डे ने हिन्दी राईटर्स गिल्ड की सदस्यता ली। हम दोनों को बधाई और धन्यवाद देते हैं। समीर लाल ने भी सुमन कुमार घई को फोन से सूचित किया है कि उन्हें भी सदस्य समझा जाए और अगली सभा या उससे पहले ही वह आवेदन पत्र भर देंगे।
जैसा कि पहली भी कुछ बैठकों में नाटक मंचन की चर्चा हुई है, वही चर्चा पुनः हुई। पाराशर गौड़ ने प्रस्तावित किया कि नाटक मंचन एक गंभीर विषय है और उसे पूरी तैयारी किए बिना करना भविष्य में नाटकों की लोकप्रियता को प्रभावित कर सकता है। जैसा कि पहले भी प्रस्तावित किया गया था कि नाटक को रेडियो नाटक की तरह प्रस्तुत किया जाए। अन्य उपस्थित सदस्यों का भी विचार था कि इस विषय पर विचार होता रहना चाहिए परन्तु इस में न उलझ कर सितम्बर के प्रस्तावित कार्यक्रम पर भी विचार किया जाना चाहिए।


सितम्बर के कार्यक्रम की भी चर्चा हुई। कार्यक्रम की लम्बाई को देखते हुए सुझाव दिया गया कि हिन्दी राईटर्स गिल्ड को श्रोताओं के लिए आहार का इंतज़ाम करना चाहिए। इस लिए कार्यक्रम के लिए २० डालर की टिकट लगाई जाए।
कार्यक्रम के लिए धनोपार्जन की भी चर्चा हुई। लता पांडे ने सूचित किया की संभवतः वह Bell Canada से स्पांसरशिप ले सकती हैं परन्तु उसके लिए उचित कागज़ात की आवश्यकता होगी। भुवनेश्वरी पांडे भी धनोपार्जन का प्रयत्न कर रही हैं।
सुमन कुमार घई ने सुझाव दिया कि इस कार्यक्रम के लिए प्रकाशित की जाने वाली स्मारिका में भी विज्ञापन बेचे जा सकते हैं। उसकी कुछ उदाहरणार्थ प्रतियाँ घर के प्रिंटर पर बना कर विज्ञापन विक्रेता सदस्यों को दी जा सकती हैं।
उपरोक्त चर्चा के बाद अल्पाहार के लिए सभा विसर्जित हुई और उसके बाद गोष्ठी का कार्यक्रम आरम्भ हुआ।
इन्दु शर्मा ने सभी का स्वागत किया और संचालन करते हुए संदीप त्यागी को सरस्वती वन्दना गायन के लिए आमन्त्रित किया। संदीप जी ने अपनी सर्वप्रथम रचना संस्कृत में लिखी सरस्वती वन्दना गाई और उसके बाद में हिन्दी में भी सरस्वती वन्दना अर्पित की।
कविता सुनाने की शुरूआत उन्हीं से हुई। संदीप जी ने वीर रस की रचना परतंत्रता की शृंखलाएं कट गईं घनाक्षरी छंद में सुनाई। उन्होंने रचना सुनाते हुए कहा कि प्रायः वीर रस की रचना में सौन्दर्य का पुट नहीं होता है परन्तु उन्होंने बड़ी दक्षता से कविता कि बुनावट में सौंदर्य का भी चित्रण किया। उनकी दूसरी रचना उधर ही चलेंगे जिधर ले चले तू थी।
निर्मल सिद्धु की पहली कविता एक थी और दूसरी आध्यात्मिक कविता वो वृक्ष अभी भी शक्तिशाली है, थी
जसबीर कालरवी ने अपनी दो ग़ज़लें सुनाईं - वो जब मुझको पहन कर लौट जाते हैं, सुनो जसवीर मैं ढूँढने निकला हूँ न कवि न ग़ज़लगो
प्रीति धामने में अपनी रचना में व्यंग्यात्मक प्रश्न किया - हम क्या बूझें आप बताएँ, कवि क्यों करते कविताई और उनकी दूसरी कविता इतिहास की किताबों में रखी तितलियाँ थी।
सरन घई ने इस बार अपनी आध्यात्मिक गम्भीर रचना सुनाई जो कि भक्तिकाल के कवियों की रचनाओं से प्रेरित थी। उनकी दूसरी कविता सुख-दुःख थी।
पाराशर गौड़ की कविता लक्ष्य थी और दूसरी कविता विवशता थी।
मीना चोपड़ा ने अपनी अंग्रेज़ी की कविता का भावानुवाद खोजा है कभी तुमने अपनी खोयी हुई पहचान को सुनाई और उनकी दूसरी रचना ग़ज़लनुमा कविता सूरज को मुट्ठीयों में पकड़ने.. थी।
सदा की तरह इस बार भी लता पांडे की कविता छोटी थीं (भावों में नहीं, आकार में) इस लिए उन्हें तीन रचनाएँ सुनाने का आग्रह किया गया – उनकी कविताएँ थीं युद्ध के बाद, नया सूरज, सार्थकता।
भुवनेश्वरी पांडे ने सुगबुगाहट सुनाई और अपनी प्रकाशित पुस्तक डायल मी माधव से सत्य और असत्य पढ़ी।
विजय विक्रान्त ने अपनी पहली कविता में मानव की भाषा और शब्दों के चयन के महत्व बताया और उनकी दूसरी हास्य कविता गए बाल कटवाने गए हम वहाँ थी।
सुमन कुमार घई ने अपनी कविता क्षितिज रेखा मिट रही है सुनाई और अपनी पुरानी रचना मौन का पाठ किया।
निर्मल सिद्धु ने अन्त में संचालिका इन्दु शर्मा को कविता सुनाने के लिए आमन्त्रित किया। इन्दु शर्मा अपनी हास्य रचनाओं के लिए जानी जाती है। उनकी पहली रचना हास्य रचना नाईन वनः वनः थी और फिर उन्होंने दूसरे रंग में "कौन हो तुम" जो उनकी अपनी बेटी के प्रति भावनाएँ थी। श्रोताओं के आग्रह पर उन्होंने अपनी प्रसिद्ध रचना "चालू नम्बर वन" सुनाई।
सभा का विसर्जन इन्दु शर्मा ने भोजन के आमन्त्रण के साथ किया।
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Friday, May 29, 2009

हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने ओकविल में “होली मिलन उत्सव” मनाया


हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने ओकविल में “होली मिलन उत्सव” मनायाप्रस्तुति : सुमन कुमार घई
अतिथी स्वागत करतीं हुई डॉ. शैलजा सक्सेना
मार्च 14, 2009 - हिन्दी राइटर्स गिल्ड का “होली मिलन उत्सव” वैष्णोदेवी मन्दिर, ओकविल में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दिन हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सदस्यों और स्वजनों का लगभग 2:30 (बाद दोपहर) द्वार पर गुलाल और इत्र से स्वागत किया गया। मित्रों ने परिपाटी को निभाते हुए एक दूसरे के गले लग बधाई दी।
विजय विक्रान्त ने 3:00 बजे सभी उपस्थितजनो का मंच से स्वागत करते हुए कार्यक्रम आरम्भ किया। सर्वप्रथम कुछ बच्चों ने अपनी संगीत और नृत्य की प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उसके बाद एक कवि सम्मेलन में लगभग 20 कवियों व कवयित्रियों ने काव्य पाठ किया। कविताओं का विषय अधिकतर होली के रंग और मानवीय सद्‌भावना था। कार्यक्रम का यह भाग लगभग डेढ़ घंटा चला।
अगले चरण में शुभा वेंकट और चारू ने शास्त्रीय शैली में लोकगीतों का गायन किया। भुवनेश्वरी पाण्डे ने कुछ लोकप्रिय गीत गाए। वातावरण इतना संगीतमय हुआ कि मन्दिर के सम्मानीय पुजारी जी ने भी एक सुन्दर भजन का गायन किया जिसमें श्रोताओं ने भी सहगान से भाग लिया। कार्यक्रम का अन्त प्रीतिभोज से हुआ।
प्रीतिभोज क आनन्द लेते हुए मित्रगण
हिन्दी राइटर्स गिल्ड एक नॉन-प्रोफ़िट, चैरिटबल (ओण्टेरियो) संस्था है जिसका उद्देश्य कनेडियन संदर्भ में दक्षिण एशियाई साहित्य को प्रोत्साहित करना है।

हिन्दी राइटर्स गिल्ड की कहानी कार्यशाला - 2

२१ फरवरी, २००९ – कार्यक्रम का अगला चरण कहानी कार्यशाला का था। भगवत शरण जी ने अपनी कविता “तुम्हारी छवि” का पाठ किया। पाराशर गौड़ ने अपनी कहानी अधूरे सपने की चर्चा करते हुए कहा कि कहानी आकाश से नहीं उतरती अपितु अपने आस-पास घट रहा है वही कहानी है। भुवनेश्वरी पांडे ने अपने बचपन में पढ़ी हुई कहानियों को याद किया। राकेश तिवारी जो कि हिन्दी टाइम्स साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रकाशक व संपादक हैं ने कहा कहानी वस्तुतः स्थिति का बयान है। उन्होंने हाल में ही हुई घटना जिसमें मिसीसागा में तिरंगे का अपमान हुआ उसकी चर्चा करते हुए कहा कि कहानी तो उस दिन भी घटी है। आचार्य संदीप त्यागी ने कहा साहित्य शास्त्रियों का कहना है कि कविता की कसौटी गद्य होता है। कहानी में कहानी के उद्देश्य की पूर्ति होना आवश्यक है। उन्होंने प्रेमचंद और जयशंकर प्रसाद की कहानियों को अपनी प्रिय कहानियाँ बताया। उन्होंने उदाहरण स्वरूप अपनी कविता “जवां भिखारिन” का पाठ करते हुए कविता के मूल में कहानी का होना प्रमाणित किया। डॉ. शैलजा सक्सेना ने कहानी की चर्चा करते हुए निर्मल सिद्धू की कहानी “अस्थि कलश” की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने हिन्दी राइटर्स गिल्ड के ई-सदस्य अमरेन्द्र कुमार के ब्लॉग पर कहानी पर लिखे हुए आलेख की भी चर्चा की और उपस्थित सदस्यों को प्रोत्साहित किया कि वह अमरेन्द्र के ब्लॉग पर जाकर अमरेन्द्र का कहानी के विषय में लिखा आलेख अवश्य पढ़ें। राज महेश्वरी ने कहा “कहानी वही अच्छी होती है जो अच्छी लगती है।“ उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक मानव कहानी लिख सकता है और उन्होंने हँसते हुए बताया कि उनकी नातिन की कहानी सारा-सारा दिन ख़त्म ही नहीं होती। आशा बर्मन कहा कि कहानियों से हमारा परिचय तो बचपन से ही आरम्भ हो जाता है। उन्होंने प्रेमचंद की कहानियों में पात्र के अनुसार भाषा की विविधता की प्रशंसा की। उन्होंने आगे बचपन का संस्मरण सुनाते हुए बताया कि कैसे उनके दादा जी को भी प्रेमचंद की कहानियाँ सुनना बहुत अच्छा लगता है। कहानी लिखने के विषय में बोलते हुए उन्होंने बताया कि बचपन में जब घर-मोहल्ले के बच्चे जब उनके पिता जी को घेर कर कहानी सुनाने का आग्रह करते थे तो पिता जी कहानी शुरू तो करते थे पर उस कहानी के हर चरण को बच्चों द्वारा ही आगे बढ़वाते हुए एक सार्थक अंत करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने जीवन के अनुभवों के विषय में ही लिखना चाहिए। निर्मल सिद्धू ने अपनी कहानी की समीक्षा के लिए डॉ. शैलजा सक्सेना का धन्यवाद किया और उन्होंने कहा कि कहानी केवल किसी समस्या की चर्चा ही नहीं करे बल्कि उसका समाधान भी सुझाए। उन्होंने अपने विद्यार्थी काल में पढ़े चंद्रधर शर्मा गुलेरी को अपना प्रिय लेखक बताया। सरन घई ने अपनी नई पत्रिका के प्रकाशन की घोषणा की और एक लघुकथा सुनाते हुए कहा कि इस कहानी में पात्रों का परिचय नहीं देने की आवश्यकता नहीं बल्कि हर पात्र का परिचय स्वतः होता चला जाता ही। कार्यशाला का अन्त सुमन कुमार घई ने किया।

Sunday, March 29, 2009

हिन्दी राइटर्स गिल्ड की काव्य गोष्ठी व कार्यशाला

नवम्बर 08, 2008 - आज की कवि गोष्ठी सविता और संजीव अग्रवाल जी ने अपने घर पर आयोजित की। गोष्ठी का आरम्भ संजीव अग्रवाल ने सरस्वती दीप प्रज्जवलन से किया और सविता जी ने स्वरचित सरस्वती वन्दना का पाठ किया। डॉ. शैलजा सक्सेना ने गोष्ठी के
आरम्भ में बताया की आज का कार्यक्रम हिन्दी राइटर्स गिल्ड की काव्य-कार्यशाला का अगला चरण भी है और कहानी-कार्यशाला की भूमिका भी। आज के कार्यक्रम के लिए कवियों व कवयित्रियों से आग्रह किया गया था कि वह अपनी कविता से पहले किसी प्रतिष्ठित कवि की रचना सुनाएँ और अगर सम्भव हो तो इसी कविता से प्रेरित कविता का पाठ करें।
पहले कवि भगवत शरण श्रीवास्तव थे। उन्होनें नीरज की कविता “आँसू जब सम्मानित होंगे मेरा नाम लिया जाएगा” का चयन किया और अपनी कविता “मन की बात” सुनाई। अगले कवि उमादत्त दूबे थे। उनकी पहली कविता घनाक्षरी छन्द की ब्रजभाषा का छन्द था। इसके पश्चात उन्होंने तीन रचनाएँ सुनाईं पहली रचना “अमरत्व-साहित्य के सागर में मैं भी अपने नाम की कागज़ी नाव चलाऊँगा” प्रेरणादायक रचना थी। दूसरी रचना “यदि कोई मन मीत मिल विरह में मिले तड़पता” थी और इसके एक ग़ज़ल भी सुनाई – जिस तरफ़ चलती हो दुनिया उस तरफ़ मत जाइए। प्रीति धामने ने उमादत्त दूबे ’अनजान’ की कविता सुनाई और अपनी एक ग़ज़ल सुनाई – यूँ हवाओं के तेवर बदलते रहेंगे/जो जलते रहे हैं वे जलते रहेंगे। अगली कवयित्री किरण सिंह ने पंजाबी की कविता सुनाने का निर्णय लिया जो कि अमृता प्रीतम की रचना थी। उसके बाद उनकी कविता थी – यादों की लौ न मद्धम हो दिल का दिया जलाओ
तुम।इस कवि गोष्ठी में सविता जी के आमन्त्रण पर एक नई कवयित्री कृष्ण वर्मा भी उपस्थित थीं और उन्होंने अपनी कविता “मन के भावों को रूप देने के लिए” का पाठ किया।
शैरल ज़ाइवयर अँग्रेज़ी की लेखिका हैं। गोवा में जन्मी शैरल कराची पाकिस्तान से हैं और अँग्रेज़ी भाषा में ग़ज़ल भी लिखती हैं। उन्होंने ग़ालिब की ग़ज़ल – हाँ भला कर भला होगा दरवेश सुनाई और अपनी अँग्रेज़ी की ग़ज़ल –these honey dipped barbs are just the same का पाठ किया। अगले कवि सरण घई थे। उन्होंने भवानी प्रसाद मिश्र की कविता – गीत बेचता हूँ का सुनाने के लिए चयन किया। और उनकी अपनी हास्य कविता – रीटा ऐसा क्यों करती हो थी।
इस संध्या का सबसे बड़ा आश्चर्य था संजीव अग्रवाल जी की कविता। संजीव अग्रवाल भारतीय नौसेना के सेवा निवृत्त कमांडर हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में मन में उठते भावों को शब्दों में बाँधा था – कुछ भाव मन में आते। इस कविता के विषय में एक रोचक तथ्य उन्होंने बताया कि नौसेना की पत्रिका “अस्त्र” में जब उनकी यह कविता प्रकाशित हुई तो उसी पन्ने पर उस समय पर वैज्ञानिक भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति अब्दुल क़लाम की रचना भी प्रकाशित हुई।
हिन्दी टाइम्स के प्रकाशक/सम्पादक राकेश तिवारी ने “तुम पल
पल रूप बदलती हो” रचना सुनाई। आचार्य संदीप त्यागी “दीप” ने अपनी एक व्यंग्यात्मक ई-मेल का पाठ किया। आशा बर्मन ने एक सुन्दर कविता – मुझे क्या मिला - सुनाने के पश्चात बताया कि यह कविता उनके देवर अनिल बर्मन की लिखी हुई है। उनकी अपनी रचना “मन” थी। डॉ. शैलजा सक्सेना ने मुक्तिबोध की एक लम्बी कविता “मुझे कदम कदम पर” का अंश सुनाया और उसी से प्रेरित अपनी कविता फ़र्क - मैंने भी चाहा था समेट लूँ बाँहों में का पाठ किया। मीना चोपड़ा के प्रिय कवि गुलज़ार की रचना “अभी पर्दा न गिराओ” सुनाई और अपनी दो कविताएँ – स्तब्ध और इश्क़ का पाठ किया। अगले कवि निर्मल सिद्धू थे उन्होंने पंजाबी के प्रसिद्ध कवि सुरजीत पातर की – “मेरी कविता” का चयन किया। उनकी अपनी कविता वो आग थी। विजय विक्रान्त ने “कौरव कौन पाण्डव कौन” अटल बिहारी वाजपेयी की कविता सुनाई और उनकी अपनी रचना मुझे भी तो कुछ बताओ थी। सुमन कुमार घई ने नरेश मेहता के खण्डकाव्य “संशय की एक रात” का अंश और इसी से प्रेरित अपनी कविता “त्रिशंकु” का पाठ किया। अन्त में आज की गोष्ठी की संयोजिका सविता अग्रवाल ने रविन्द्रनाथ चौहान की कविता – एक नारी सुनाई और बाद अपनी कविता प्रवास सुनाई और इसके साथ ही कविताओं का दौर समाप्त हुआ।सुमन कुमार घई ने कहानी कार्यशाला के अन्तर्गत श्रोताओं व हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सदस्यों को हिन्दी कहानी के संक्षिप्त इतिहास से परिचित करवाते हुए कहानी के मुख्य अंगों के विषय में बताया। उन्होंने सदस्यों को आमन्त्रित किया कि वह भी कहानियाँ लिखें। भविष्य में कहानियों की चर्चा के लिए अंतरजाल की सुविधा का प्रयोग करने के लिए सदस्यों के ब्लॉग बनाने का निर्णय लिया गया। यह निश्चित हुआ कि हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सदस्य अपनी कहानियाँ अपने अपने ब्लॉग में प्रकाशित करें और सभी सदस्य उन्हें पढ़ कर अपनी टिप्पणियाँ दें और भविष्य के कार्यक्रमों व कार्यशालाओं में उनकी चर्चा में जलपान के साथ ही गोष्ठी व कार्यशाला का समापन हुआ।
पूरी कवि गोष्ठी सुनने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें -